The shiv chalisa in hindi Diaries
The shiv chalisa in hindi Diaries
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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव more info चालीस का पाठ खूब करते हैं।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ किया उपद्रव तारक भारी ।
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के shiv chalisa in hindi घटवासी॥
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन